इस धरती पर पूछ रहे हैं सब तेरे भक्त ये बारम्बार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
अत्याचार पहुंचा शिखर पर मचा चहुँ ओर हाहाकार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
सच्चे यहाँ पर नीर हैं, बहाते होता झूठों का सत्कार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
पापी यहाँ फल - फूल रहे जो हैं ताडन के हकदार !
बहती इस देश मैं नित- दिन मासूम लहू की धार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
नित चढ़ती बलि दहेज़ की बेटियां जो हैं सुकुमार !
दहेज़ लोभी करते इन पर न क्या क्या अत्याचार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
बदल दिया है कुछ पापियों ने तेरा ये संसार !
चलती है रोज़ ही उनकी निर्दोषों पर तलवार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो कब लोगे अवतार !
रक्षक ही भक्षक बन बैठे जनता जाये कहाँ लाचार !
सज्जन लोग सहमे से सारे सुन जालिमों की हुंकार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
भूल गए सब सत्कर्मों को भूल गए उच्च संस्कार !
भाई बना है भाई का दुश्मन है मर मिटने को तैयार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
कहते हैं सब हे प्रभु तुम्हारी लीला अपरम्पार !
जब जब पाप बड़ा धरती पर करते तुम उद्धार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
हे कृष्ण क्या चक्र सुदर्शन तुम्हारा हो गया बेकार !
हे राम कहाँ बाण तुम्हारे किया था जिनसे रावण का संहार !
हे बजरंग महाबली कहाँ गदा तुम्हारी करते जिससे शत्रु पर वार !
या वक़्त के आगे कमज़ोर पड़े तुम उठा नहीं सकते उस गदा का भार !
हे भोले जिस तांडव को देख दुश्मनों मैं मचती थी हाहाकार !
वो तांडव क्यों भूल गए तुम क्या कुंद हुई तुम्हारे तिरशूल कि धार !
दुर्गा माँ कहाँ खडग तुम्हारी किया था जिससे तुमने पापी भैरों पर वार !
मारे कितने पापी अधर्मी असुर तुमने किया भय मुक्त संसार !
कर दो नाश पापियों का अब तो सच्चे करें तुम्हरी जय- जयकार !
हे भगवन कहाँ सोये हुए हो तुम कब लोगे अवतार !
HASYA-VYANG
HANSO HANSAO
KHOON BADHAO
KHOON BADHAO
सोमवार, 31 मई 2010
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